पेट की बीमारियों में लाभदायक भुट्टा
पेट की बीमारियों में लाभदायक भुट्टा
बारिश के मौसम में कच्ची बा मक्का या भूटे का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है । देश दुनिया के शोधों में यह साबित हो चुका है कि भुट्टा ऐसा अनाज है जिसे पकाने के बाद भी उसके पौष्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण नष्ट नहीं होते , बल्कि बढ़ जाते हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते है । भुट्टे में मौजूद फेरलिक एसिड , फीनोलिक , बीटा कैरोटीन कैसर जैसी जटिल बीमारियों से लड़ने में मददगार होता है ।
पेट के असर से छुटकारा दिलाने में भुटे मददगार हैं ।
कॉर्न फ्लेक्स के रूप में लेने पर यह हृदयरोग की रोकथाम में सहायक होता है ।
भुट्टा दुनिया के सबसे अधिक लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक है ।
भुटे में विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है , जिससे खून की कमी
इसके सेवन से आयरन की कमी पूरी होती है , जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में खस भूमिका निभाते है ।
भुटे के पीले दाने मिनरल्स से भरपूर होते हैं , जिससे हडिडयं मजबूत होती हैं । भुटे में पाए जाने वाले मिनरल्स गुर्देको स्वस्थ रखने में मदद करते हैं ।
भुटे में कार्बोहाइड्रेट यानी कि घुलनशील तथा अघुलनशील फाइबर की मात्रा अधिक होती है ।
भुटा आंतों में देक्टीरिया या बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं को खरम करता है , जिससे कब्ज - बचासर जैसी पचन संबंधी समस्याएं नहीं होती ।
भुटे का सेवन मूत्र प्रणाली पर नियंत्रण रखता है । इसके सेवन से दांत और मसूड़े भी मजबूत होते हैं ।
तज मक्के के भुटे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दो की कमजोरी समाप्त हो जाती है ।
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